उन्होंने कहा, ''गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को हिंसा की घटनाएं, लाल किले में तोड़फोड़ ने भारत में उसी तरह की भावनाएं और प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की, जैसा कि छह जनवरी को (अमेरिका में) कैपिटल हिल घटना के बाद देखने को मिला था। भारत में हुई घटनाओं से हमारे संबद्ध स्थानीय कानूनों के मुताबिक निपटा जा रहा है।'' अमेरिका ने किसानों के आंदोलन पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि वह बातचीत के जरिए दोनों पक्षों के बीच मतभेदों के समाधान को बढ़ावा देता है।
विदेश मंत्रालय ने किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर एनसीआर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगाये जाने पर कहा कि यह और अधिक हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए था।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, ''हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी सफल लोकतंत्र की पहचान है और भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है।'' गौरतलब है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने किसानों के प्रदर्शन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया पर बुधवार को कड़ी आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था कि भारत की संसद ने एक सुधारवादी कानून पारित किया है, जिस पर किसानों के एक बहुत ही छोटे वर्ग को कुछ आपत्तियां हैं और वार्ता पूरी होने तक कानून पर रोक भी लगाई गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारत आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है। इस तरह का माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है। अनुराग श्रीवास्तव ने पूर्वी लद्दाख मामले पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षा की एलएसी के इलाकों से डिस-ऐंगेजमेंट को लेकर गहराई से बातचीत हुई है। हम जल्द ही किसी तारीख पर वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत करने पर सहमत हुए हैं।
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