सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार ‘मोदी लोन योजना’ के तहत लोगों के खाते में 75 हजार रुपये की राशि जमा कराएगी. सोशल मीडिया में यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसे लोग खूब देख रहे हैं. हालांकि यह वीडियो फर्जी है और जिस लोन योजना की बात हो रही है, सरकार की तरफ से ऐसी कोई योजना नहीं चलाई गई है.
सरकारी संस्था प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इस खबर को पूरी तरह से गलत और निराधार बताया है. पीआईबी ने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया है और अपने ट्वीट में लिखा है, एक YouTube वीडियो में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा मोदी लोन योजना के तहत सभी देशवासियों के खाते में ₹75,000 की नगद राशि दी जा रही है.
यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
इसी तरह सोशल मीडिया में एक खबर में दावा किया जा रहा है केंद्र सरकार प्रधानमंत्री सबका साथ सबका विकास योजना के तहत सभी लोगों के खाते में 1 लाख रुपए की धनराशि जमा कर रही है. पीआईबी ने इस खबर का भी खंडन किया है और कहा है कि यह फर्जी है. पीआईबी ने कहा, यह दावा फ़र्ज़ी है. केंद्र सरकार द्वारा ऐसी किसी योजना से संबंधित कोई घोषणा नहीं की गई है.
अभी हाल में एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली पुलिस के 200 पुलिसकर्मियों द्वारा सामूहिक इस्तीफा दिया गया है, जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं थी. दिल्ली पुलिस में बगावत बताते हुए इस खबर को प्रसारित किया गया था. पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में इस खबर को फेक और फर्जी बताया था.
सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें
सोशल मीडिया पर देखें तो कई खबरें भ्रामक जानकारी के साथ फैलाई जाती हैं ताकि लोग भ्रमित हो सकें. इसके लिए पीआईबी ने फैक्ट चेक शुरू किया है जिसमें खबरों का विश्लेषण कर बताया जाता है कि कौन सी खबर फेक है. कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में एक डॉक्यूमेंट प्रसारित हुआ जिसमें दावा किया गया कि सरकार कोरोना को देखते हुए 31 जनवरी से फिर लॉकडाउन लगाने जा रही है. डॉक्यूमेंट में कहा गया कि सरकार ने 31 जनवरी से लॉकडाउन लगाने का ऑर्डर दे दिया है. पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक में इस खबर को फर्जी बताया और लोगों से ऐसी खबरों पर ध्यान न देने की अपील की.
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