रिसर्च स्कॉलर के लिए रिसर्च पेपर पब्लिश्ड करवाना कंपलसरी होता है ऐसे स्टूडेंट जो टेक्निकल कोर्स इसमें फॉर दर स्टडीज के लिए अप्लाई करना चाहते हैं ।

उनके लिए भी रिसर्च पेपर्स पब्लिश करवाना उनकी एडमिशन प्रोसेस में मदद करता है ऐसे में अगर आप रिसर्च स्कॉलर है तो आपको अपने सुपरवाइजर से इंपॉर्टेंट टिप्स मिल जाती होगी ।

लेकिन आप एक स्टूडेंट है तो आज का ये पोस्ट आपके लिए रिसर्च पेपर पब्लिश्ड करवाने के टास्क में गाइड का काम कर सकता है इसलिए हमारी पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े।

तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि रिसर्च पेपर को लिखने और पब्लिश करवाने का प्रोसेस क्या होता है ।

1. एरिया ऑफ इंटरेस्ट पहचानिए ।

सबसे पहले आपको अपना एरिया ऑफ इंटरेस्ट फिगर आउट करना होगा और इस दौरान आपको पता होना चाहिए कि उस टॉपिक के बेसिक बारे में आप काफी स्टडी कर चुके हैं यानी आपको उस टॉपिक पर इनफ नॉलेज है।

इसके बाद आपको अपनी चूज़ की हुई फील्ड में खुद को अपडेट करना होगा इसके लिए आप रीडिंग और नेट सर्च भी कर सकते हैं और कॉन्फ्रेंस में जाकर उस टॉपिक पर होने वाली बेस्ट टॉक्स को सुन भी सकते हैं ।

2. पब्लिश हो चुके पेपर्स को पढ़िए ।

स्टेप 1 पूरी तरीके से कंप्लीट कर लेने के बाद आप दूसरे पर आएंगे जहां पर आपको पहले पब्लिश किए हुए पेपर्स को पढ़ना होगा ।

इस दौरान सभी इम्पॉर्टेन्ट और रेलीवेंट इनफॉरमेशन लेने की कोशिश करें क्योंकि पब्लिश किए पेपर्स को पढ़कर आप खुद के पेपर के लिए कि स्ट्रांग बेस तैयार कर पाएंगे ।

इस प्रोसेस में आप अपने फेलो रिसर्च की मदद से यह भी पता लगा सकते हैं कि आप के फील्ड के मोस्ट यूजफुल जनरल्स कौन-कौन से हैं ताकि आप सही डायरेक्शन में तेजी से स्टार्ट कर पाए ।

3. टर्म्स को समझिए ।

जब हम सही सोर्स और अच्छी इंफॉर्मेशन मिलने लग जाती है तब भी आसान नहीं हो पाता है कि दूसरों के पब्लिश किए हुए पेपर्स को आसानी से समझा जा सके इसीलिए आपको इन्हें पढ़ना तो होगा ।

ताकि आपको ज्यादा जानकारी मिल सके और इसमें इंटरेस्ट तो आपको बनाकर रखना ही होगा तभी तो आप रिसर्च पेपर रीड करते समय आने वाले टफ टर्म्स को समझने की कोशिश भी करना चाहेंगे जो आपके लिए जरूरी है ।

4. इम्पॉर्टेन्ट पॉइन्ट को लिखना शुरू करें ।

आप केवल रिसर्च पेपर को रीड करते रहेंगे तो सब कुछ याद रख पाना पॉसिबल नहीं हो पाएगा इसलिए आपने क्या क्या पढ़ा है उसे पेपर पर नोट करते जाइए ।

जिसमे इंटरेस्टिंग प्रॉब्लम , पॉसिबल सलूशन ,रैंडम आईडिया , रेफरेंस शामिल हो तो यह आपके लिए बहुत ही हेल्पफुल रहेंगे ।

5 . अपने रिसर्च पेपर में इन्हें शामिल कीजिए।

पब्लिश रिसर्च पेपर की स्टडी करके और उनके नोट्स बनाकर आप ये तो जान ही जाएंगे कि आपको रिसर्च पेपर लिखते वक़्क किन किन बातों का ध्यान रखता है और किस तरीके से उसे प्रजेंट करना है ।

इसके बाद रिसर्च पेपर लिखना शुरू करने से पहले आपको यह भी जान लेना चाहिए कि आपके पेपर में सिग्निफिकेंश , ओरिजनलिटी कम्प्लीटनेस होनी चाहिए ।

और उसमे मिस्टेक्स के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए इन बातों को ध्यान में रख कर के ही रिसर्च पेपर को लिखिए ।

6. Research Paper में इन पॉइंट्स को शामिल करें ।

पेपर टाइटल , ऑथर इंफॉर्मेशन , ऐप्सट्रैक कीवर्ड्स , इंट्रोडक्शन , लिटरेचर रिव्यू , प्रपोज्ड वर्क , आउटपुट , कंक्लुजन , फ्यूचर वर्क और रेफरेंसेस ।

7.सेक्शन बाय सेक्शन चलिए ।

एक साथ पूरा पेपर जल्दी से जल्दी लिखने की स्पीड भी यहां पर काम नहीं करेगी बल्कि आपको एक – एक सेक्शन लिख़ने का गोल बनाना होगा और उसी पर अपना पूरा फोकस रखना होगा ।

इस तरह हर सेक्शन को अच्छे से कंप्लीट करते जाने से आप बहुत जल्दी ही अपना रिसर्च पेपर परफेक्शन के साथ कंप्लीट कर लेंगे ।

8. प्री रिब्यू जरूर लीजिए ।

रिसर्च पेपर तैयार होने के बाद आप अपने प्रोफेसर से ,अपने साथियों से पेपर का रिव्यू मांग सकते हैं ।

ताकि पेपर पब्लिश करवाने से पहले आपको उसका सही और फीडबैक मिल सके । जो उसे बेहतर बनाने में आपकी मदद करे । उन रिब्यू को कैयरफुल्ली रीड करते रहिए ।

और हर क्रिटिसिजम को पॉजिटिव सजेशन की तरह लीजिए ताकि आप पहले से बेहतर परफॉर्म कर सके ।

9. इसके लिए तैयार नहीं है।

रिसर्च पेपर प्रेजेंट और पब्लिश कराने के लिए तैयार नही है रिसर्च पेपर को रिब्यू के अकॉडिंग तैयार कर लेने के बाद बारी आती है

उसे प्रेजेंट और पब्लिश कराने की इसके लिए आपके पास नेशनल कांफ्रेंस और इंटर नेशन कांफ्रेंस जनरल ऑप्शन जैसे मौजूद होंगे ।

बिगिनर स्कॉलर के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस राइट प्लेस साबित होती है और ये बहुत सी यूनिवर्सिटी में होती है ।

इसलिए आप आसानी से यहां अप्रोच कर सकेंगे और जब कॉन्फिडेंट फील करने लगेंगे तब आप इंटरनेशनल कांफ्रेंस का हिस्सा बन सकते हैं जो इंटरमीडिएट स्कॉलर के लिए परपेक्ट प्लेस होती है ।

कॉन्फ्रेंस में रिसर्च पेपर प्रजेंट करने से आपको अपने वर्क के लिए फीडबैक भी मिलता है और कॉन्फ्रेंस पेपर पब्लिश करने के लिए रैपीट टाइम भी ऑफर करती है ।

जहां तक जनरल की बात है यह कॉन्फ्रेंस के कॉमरिजम ज्यादा फस्टटिजियस माने जाते हैं और कॉन्फ्रेंस के रास्ते होते हुए आप यहां तक भी आसानी से पहुंच जाएंगे ।

जहां आकर आपका रिसर्च पेपर पब्लिश हो जाएगा इस पूरे प्रोसेस में आपको पेशेंस यानी कि धैर्य बनाए रखना होगा ।

क्योंकि रिसर्च पेपर लिखने और पब्लिश कराने के इस प्रोसेस में कड़ी मेहनत , एफर्ट , मिस्टेक्स , रिजेक्शन और फीडबैक शामिल होता है इसलिए अपना काम परफेक्शन के साथ करते जाइए और धैर्य बनाकर रखिए ।