क्यों कोरोना वायरस को महामारी (पेंडेमिक) घोषित किया गया है, जाने कब घोषित होती है महामारी (WHO Declares Coronavirus a Pandemic in hindi) (Pandemic vs Epidemic, Meaning, Reason, Guidelines)

बीते कुछ महीने से चीन से जन्म लेने वाले कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में हड़कंप मचा दिया हैं. क्योंकि यह चीन के अलावा अब इटली, यूएस एवं भारत सहित 110 अन्य देशों में प्रवेश कर चूका हैं. लगभग 1 लाख 26 हजार लोगों में यह वायरस की पुष्टि की जा चुकी हैं. इनमें से लगभग 4,600 लोगों की मौत हो चुकी हैं और लगभग 68 हजार से ज्यादा लोग इस बीमारी से अब भी ग्रसित हैं. लगातार इसके बढने और इससे होने वाली मौतों के चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व समुदाय को सावधान करते हुये एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि यह कोरोना वायरस एक महामारी (पैंडेमिक) हैं, जिससे विश्व का विनाश हो सकता है.

कोरोना वायरस को महामारी (पैंडेमिक) क्यों घोषित किया गया है ? (Why Coronavirus has been declared Pandemic ?)


विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को महामारी (पैंडेमिक) इसलिए घोषित किया हैं ताकि सभी देशों की सरकार एवं लोग इसे गंभीरता से लें. और अधिक से अधिक सावधानी बरतते हुए इससे लड़ने की पूरी तैयारी करें. दरअसल डब्ल्यूएचओ काफी समय से इस वायरस के प्रभाव पर निरिक्षण कर रहा हैं, और इससे बढ़ती मृत्यु दर को नियंत्रित करने पर गंभीरता से विचार करने के लिए ही यह कदम उठाया गया जोकि बेहद जरुरी हो गया था. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि देखा जा रहा है कि इस बीमारी के प्रति जितनी ज्यादा चीन में सावधानी बरती जा रही हैं, उतनी ज्यादा गंभीरता से इसे विश्व स्तर पर नहीं लिया जा रहा हैं. अतः लोगों के साथ – साथ अन्य देशों की सरकार को इसके प्रति जागरूक करने के लिए ही यह कदम उठाया गया है. यह एक जानलेवा बीमारी हैं इसलिए इसे महामारी कहना गलत नहीं है.

इसकी घोषणा करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुख्य जोकि टैड्रोस एडनोम गैब्रेयेसस हैं का कहना हैं कि इसे तेजी से फैलने से रोकने और इस पर लगाम लगाने का अब तक कोई भी ठोस तरीका खोजा नहीं जा सका है. उन्होंने इस बात की चिंता जताते हुए इस पर गंभीरता से विचार करने, इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने और पूरे विश्व को इससे सावधानी बरतने के लिए जागरूक रहने की अपील की है.

कोरोना वायरस को महामारी (पैंडेमिक) घोषित करने के बाद कुछ देशों में लिए गए फैसले (After Declared Coronavirus Pandemic)

जब कोई बीमारी को डब्ल्यूएचओ द्वारा महामारी (पैंडेमिक) घोषित किया जाता हैं तो इसका मतलब यह होता हैं कि डब्ल्यूएचओ द्वारा स्थानीय या राज्य स्तर पर उच्च स्तरीय आपातकालीन ग्रेड प्रतिक्रिया योजनायें लागू करने के लिए अधिक देशों को प्रेरित किया जाता है. जैसे कोरोना वायरस से होने वाली कॉविड – 19 जैसी जानलेवा बीमारी को जब वैश्विक स्तर पर महामारी (पैन्डेमिक) घोषित किया गया, तो इसके बाद विश्व के कई देशों में इससे लड़ने के लिए वहां की सरकार द्वारा कुछ अहम फैसले लिए गये हैं जोकि इस प्रकार है –

कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद भारत सरकार के द्वारा यह अहम फैसला लिया गया है कि भारत में 15 अप्रैल तक के लिए सभी पर्यटन वीजा को रद्द कर दिया गया है. और साथ ही लोगों से अपील की है कि यदि जरुरी न हो तो वे अभी कुछ समय तक देश के बाहर यात्रा न करें.
इसके आलावा यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जी ने भी इस जानलेवा बीमारी के महामारी घोषित होने के बाद यह अहम फैलसा लिया हैं कि यूरोप से आने वाले लोगों के लिए अब कुछ समय के लिए ट्रेवलिंग पर रोक लगा दी गई है. हालांकि यूएस ने अभी तक केवल चीन से आने वाले लोगों की ट्रेवलिंग पर रोक लगाई थी. 

डब्ल्यूएचओ द्वारा किसी बीमारी को महामारी (पैंडेमिक) घोषित कब किया जाता है ? (When a disease is declared an Pandemic by WHO ?)


विश्व स्तर पर किसी बीमारी को महामारी घोषित करने के लिए कोई विशेष शर्तें निर्धारित नहीं की गई हैं, लेकिन इसे महामारी तब घोषित किया जाता हैं जब उस बीमारी का असर तेजी से फैलने लगता हैं. जिस पर काबू पाना आसान नहीं होता हैं जोकि एक दम एक्सट्रीम लेवल पर पहुंच जाता हैं. जिसके लिए पूरे विश्व को सचेत किया जाता हैं और इससे लड़ने के लिए जागरूक किया जाता हैं. जैसे कोरोना वायरस से होने वाली कॉविड – 19 एक ऐसी बीमारी हैं जोकि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में लगातार फैलती जा रही हैं, जिससे काफी लोगों की मृत्यु भी हो रही हैं. इसलिए इसे महामारी घोषित किया गया हैं.

लेकिन सवाल उठता है कि इसे महामारी घोषित करने में इतना समय क्यों लग गया, तो हम आपको बता दें कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कुछ समय पहले तक यह बीमारी केवल चीन में ही मौजूद थी, लेकिन धीरे – धीरे यह दुनिया के कम से कम 110 देशों में फ़ैल चुकी हैं. और हर देश में अपना बुरा प्रभाव डाल रही हैं. इसकी संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. जिसके चलते डब्ल्यूएचओ द्वारा यह फैसला लिया गया हैं.

महामारी की स्टेज एवं उनमें अंतर (Difference b/w Endemic, Epidemic and Pandemic)


महामारी को 3 स्टेज में विभाजित किया गया हैं यहाँ हम तीनों में बारे में जानकारी दे रहे हैं –

एंडेमिक (महामारी) (Endemic) :-

जब कोई बीमारी किसी विशेष स्थान या देश में ही अपना प्रभाव डालती हैं, जिससे विशेष रूप से केवल उन्हीं क्षेत्रों के लोग प्रभावित होते हैं. और इससे लोगों की ज्यादा मृत्यु नहीं होती हैं. यानि जो बीमारी मौसम के अनुसार विश्व के अलग – अलग देशों में फैली होती हैं. तो ऐसी स्थिति में उस बीमारी को एंडेमिक नामक महामारी घोषित किया जाता हैं.

उदहारण के लिए :– मलेरिया जोकि भारत में एक मौसम के आधार पर फैलने वाली बीमारी हैं. इससे ज्यादातर लोगों की मृत्यु नहीं होती है. इसी तरह कुछ देशों में स्मालपॉक्स नामक बीमारी फैली हुई थी.

एपिडेमिक (महामारी) (Epidemic) :–

जब कोई गंभीर बीमारी किसी क्षेत्र में बहुत अधिक प्रभावित करती हैं और वह अपने आस – पास के कुछ क्षेत्रों को भी प्रभावित करती हैं, तो उसे एपिडेमिक महामारी कहते है.

उदहारण के लिए :- इबोला वायरस एक ऐसी बीमारी थी, जिसने बड़े स्तर पर लेकिन केवल अफ्रीका के ही कुछ क्षेत्रों में अपना प्रभाव डाला था. तो इस तरह की बीमारी को एपिडेमिक महामारी नाम दिया गया था.

पैंडेमिक (महामारी) (Pandemic) :-

जब कोई गंभीर बीमारी पूरे विश्व में अपना विकराल रूप दिखाते हुए विश्व को विनाश की ओर ले जाने में अग्रसर होने लगती हैं, तो उसे पैंडेमिक महामारी कहा जाता है. यानि कि जो बीमारी बड़े स्तर पर विश्व के काफी सारे देशों को प्रभावित करती हैं. और जिसका दुष्प्रभाव भी खतरनाक होता हैं जिससे लोगों की मृत्यु भी हो जाती हैं तो उसे पैंडेमिक महामारी कहते हैं.

उदहारण के लिए :- स्वाइन फ्लू एक ऐसी बीमारी हैं जोकि विश्व स्तर पर काफी सारे देशों में गंभीर प्रभाव डाल चुकी है. इसकी शुरुआत यूएस से हुई थी, लेकिन फिर यह बहुत सारे देशों फ़ैल गई थी. इसे डब्ल्यूएचओ द्वारा पैंडेमिक महामारी घोषित किया जा चूका हैं, क्योंकि इससे लाखों लोगों की मृत्यु हो चुकी है. इसी तरह से हालही में कोरोना वायरस को अब एक पैंडेमिक महामारी घोषित कर दिया गया हैं क्योंकि इसकी शुरुआत भले ही चीन में हुई थी, लेकिन अब यह विश्व भर के कई देशों में फैल चुकी हैं. और इससे हजारों लोगों की मृत्यु भी हो गई है. और यह संख्या बढ़ती जा रही है.

पैंडेमिक (महामारी) के तहत आने वाली बीमारियाँ (Pandemic Diseases)


एचआईवी / एड्स :- विश्व स्तर पर फैली पैंडेमिक (महामारी) में एचआईवी / एड्स का नाम सामने आता हैं. यह अब तक के इतिहास में सबसे विनाशकारी वैश्विक बीमारियों में से एक हैं. इसे सन 1981 में पैंडेमिक घोषित किया गया था. इस बीमारी के चलते उस दौरान लगभग 8 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी.
इन्फ्लूएंजा :- इसके अलावा इन्फ्लूएंजा भी एक वैश्विक महामारी हैं जोकि सन 1918 में स्पेनिश इन्फ्लूएंजा के रूप में फैली थी. इससे 40 से 50 मिलियन लोगों की मृत्यु हो गई थी. और सन 1968 में होंगकोंग इन्फ्लूएंजा के रूप में फैला था, जिससे 1 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई थी. इस तरह से यह विश्व के कई देशों में फ़ैल चुकी है.
स्वाइन फ्लू :- सन 2009 में स्वाइन फ्लू को डब्ल्यूएचओ द्वारा पैंडेमिक नाम दिया गया था. यह बीमारी यूएस से शुरू हुई थी इसने कई सारे देशों को अपनी चपेट में ले लिया था. इससे लगभग 8 लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी हैं. आपको बता दें कि इस बीमारी का असर आज भी लोगों में देखने को मिल जाता है.
कोरोना वायरस :- हालही में कोरोना वायरस को पैंडेमिक नाम दिया गया हैं, यह बीमारी इस दिनों लोगों को काफी अधिक प्रभावित कर रही है. इससे अब तक लगभग साढ़े 4 हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है.

एपिडेमिक (महामारी) के तहत आने वाली बीमारियाँ (Epidemic Diseases)


एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरएस) :- यह महामारी सन 2003 में फैली हुई थी, जिसने लगभग 800 लोगों की जान ले ली थी.
एशियाई फ्लू :- सन 1957 में एशियाई इन्फ्लूएंजा के रूप में एक फ्लू फैला हुआ था, जिससे 2 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई थी.
द थर्ड कॉलरा :- यह बीमारी 19 वीं सदी में सन 1852 से 1860 के बीच तक एपिडेमिक बीमारी के रूप में सामने आई थी. और इससे लाखों लोगों की मृत्यु हो गई थी.
एबोला वायरस :- यह भी एक खतरनाक वायरस था जिसे सन 2014 में एपिडेमिक महामारी नाम दिया जा चूका हैं. इसकी उत्पत्ति चीन से हुई थी. और इस बीमारी से उस दौरान लगभग 11 हजार लोगों की मृत्यु हुई थी.
एचआईवी /एड्स :- एचआईवी सन 1960 के दशक में आकर 25 मिलियन से भी अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुकी है.

एंडेमिक (महामारी) के तहत आने वाली बीमारियाँ (Endemic Diseases)


चगास बीमारी :- एंडेमिक के तहत आने वाली बीमारियों में सबसे पहले नाम आता हैं चगास बीमारी, जोकि मैक्सिको, साउथ एवं सेंट्रल अमेरिका में फ़ैली थी. इस बीमारी का असर लगभग 7.6 मिलियन लोगों दिखाई दिया था.
मलेरिया :- इसके बाद मलेरिया जोकि अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और मिडिल ईस्ट जैसे क्षेत्रों में फैल चुकी है. इससे अब तक 1.5 मिलियन केस ऐसे मिले हैं जोकि इस बीमारी से पीढित लोगों के हैं.
अफ्रीकन स्लीपिंग सिकनेस :- इसके अलावा इसमें अफ्रीकन स्लीपिंग सिकनेस का नाम भी शामिल हैं जोकि सब – सहारन अफ्रीका में फैली हुई थी. इस बीमारी से भी काफी लोगों की मृत्यु हो चुकी है.
अतः कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के कारण अधिक संख्या में लोगों की मृत्यु होने के कारण ही इसे महामारी कहा गया हैं, और अब इससे लड़ने के लिए पूरे विश्व को सावधान रहने की जरुरत हैं.