कोरोना वायरस के मरीजों को रखे जाने वाले आइसोलेशन वार्ड कैसा होता है | Isolation Ward in hindi
भयंकर वायरस कोरोना की वजह से लगातार लोगों की जांच पड़ताल की जा रही है. ऐसे में जो संदिग्ध मरीज हैं उन्हें बाकी लोगों से अलग रखना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि कोरोनावायरस एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से तुरंत दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने में कुछ ही पल लेता है. ऐसे व्यक्तियों को आइसोलेशन वार्ड में रखना बेहद आवश्यक होता है अब आइसोलेशन वार्ड होता क्या है यह सबसे बड़ा सवाल है. तो चलिए आज हम इस बात से रूबरू होते हैं कि आखिरकार आइसोलेशन वार्ड जिसे अलगाव वार्ड भी कहा जाता है आखिर वह क्या और कैसे बनाया जा सकता है या बनाए जाते हैं?
आइसोलेशन वार्ड एक ऐसा वर्ड होता है जिसमें कुछ ऐसे संक्रमित लोगों को रखा जाता है जिनकी वजह से एक भयानक संक्रमण दूसरे लोगों में भी फैलने का डर रहता है. उस कमरे में बस कुछ चुनिंदा डॉक्टर और हॉस्पिटल स्टाफ को जाने की अनुमति होती है. आइसोलेशन वार्ड को पूरी तरह से संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए तैयार किया जाता है और वहां पर सभी प्रकार के आवश्यक सामान पहले से ही मौजूद रखे जाते हैं, ताकि किसी भी वस्तु की आवश्यकता पड़ने पर किसी भी प्रकार की समस्या जूझना पड़े.
आइसोलेशन वार्ड को कुछ इस तरह डिजाइन किया जाता है कि जरूरत पड़ने पर वहां पर रखे जाने वाले संक्रमित व्यक्तियों की अच्छे से जांच-पड़ताल की जा सके.
आइसोलेशन वार्ड मुख्य रूप से अस्पतालों से दूर बनाए जाते हैं ताकि वहां पर रहने वाले संक्रमित मरीजों का प्रभाव अस्पताल में आने जाने वाले और सामान्य बीमारी के इलाज कराने वाले व्यक्तियों पर ना पड़े.
आइसोलेशन यूनिट में कुछ महत्वपूर्ण कर्मचारियों और डॉक्टर्स को ही जाने की अनुमति दी जाती है.
आइसोलेशन वार्ड में संक्रमित व्यक्तियों को पूरी तरह से जांच पड़ताल किया जा सके इस बात के लिए सभी प्रकार की मशीनें वहां पर उपलब्ध की जाती हैं.
यह आइसोलेशन बोर्ड पूरी तरह से बंद और सुरक्षित बनाए जाते हैं ताकि वहां पर रहने वाले संक्रमित व्यक्ति का संक्रमण वहां से बाहर ना निकल सकें.
बहुत बड़ी बड़ी महामारी और गंभीर परिस्थितियों के लिए ही यह विभिन्न प्रकार के आइसोलेशन वार्ड बनाए जाते हैं.
आइसोलेशन वार्ड का उपयोग मुख्य रूप से निम्नलिखित परिस्थितियों में ही किया जाता है:-
हानिकारक और संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को स्वस्थ व्यक्तियों की पहुंच से दूर रखने के लिए इन आइसोलेशन वार्ड का उपयोग किया जाता है.
भीड़भाड़ वाले इलाकों से मरीजों को दूर रखने के लिए भी आइसोलेशन वार्ड का इस्तेमाल किया जाता है.
पहले आइसोलेशन वार्ड का इस्तेमाल इन्फ्लूएंजा से लेकर इबोला जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए ही किया गया है लेकिन अब कोरोनावायरस से ग्रसित लोगों के लिए भी ऐसे आइसोलेशन वार्डस का इस्तेमाल किया जा रहा है.
गंभीर रूप से फैलने वाली बीमारियां जो दिन प्रतिदिन जनता के बीच उच्च मृत्यु दर बढ़ाने का काम करती हैं ऐसी बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए ऐसे आइसोलेशन वार्ड बड़े-बड़े अस्पतालों से कुछ दूरी पर बनाए जाते हैं. अस्पतालों में संक्रमित लोगों की जांच करके तुरंत उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया जाता है ताकि उनके संक्रमण का असर किसी स्वस्थ व्यक्ति तक ना पहुंच सके. यह एक सुरक्षित तरीका होता है बाकी स्वस्थ व्यक्तियों को सुरक्षित रखने का और संक्रमित व्यक्ति को अलग से एक उचित चिकित्सा प्रदान करने का.
आइसोलेशन वार्ड क्या होता है? (Isolation Ward Kya hai in hindi) (Types in hospitals, Guidelines)
भयंकर वायरस कोरोना की वजह से लगातार लोगों की जांच पड़ताल की जा रही है. ऐसे में जो संदिग्ध मरीज हैं उन्हें बाकी लोगों से अलग रखना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि कोरोनावायरस एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से तुरंत दूसरे व्यक्ति तक पहुंचने में कुछ ही पल लेता है. ऐसे व्यक्तियों को आइसोलेशन वार्ड में रखना बेहद आवश्यक होता है अब आइसोलेशन वार्ड होता क्या है यह सबसे बड़ा सवाल है. तो चलिए आज हम इस बात से रूबरू होते हैं कि आखिरकार आइसोलेशन वार्ड जिसे अलगाव वार्ड भी कहा जाता है आखिर वह क्या और कैसे बनाया जा सकता है या बनाए जाते हैं?
क्या होता है आइसोलेशन वार्ड?
आइसोलेशन वार्ड एक ऐसा वर्ड होता है जिसमें कुछ ऐसे संक्रमित लोगों को रखा जाता है जिनकी वजह से एक भयानक संक्रमण दूसरे लोगों में भी फैलने का डर रहता है. उस कमरे में बस कुछ चुनिंदा डॉक्टर और हॉस्पिटल स्टाफ को जाने की अनुमति होती है. आइसोलेशन वार्ड को पूरी तरह से संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए तैयार किया जाता है और वहां पर सभी प्रकार के आवश्यक सामान पहले से ही मौजूद रखे जाते हैं, ताकि किसी भी वस्तु की आवश्यकता पड़ने पर किसी भी प्रकार की समस्या जूझना पड़े.
कैसा होता है आइसोलेशन वार्ड का डिजाइन
आइसोलेशन वार्ड को कुछ इस तरह डिजाइन किया जाता है कि जरूरत पड़ने पर वहां पर रखे जाने वाले संक्रमित व्यक्तियों की अच्छे से जांच-पड़ताल की जा सके.
आइसोलेशन वार्ड मुख्य रूप से अस्पतालों से दूर बनाए जाते हैं ताकि वहां पर रहने वाले संक्रमित मरीजों का प्रभाव अस्पताल में आने जाने वाले और सामान्य बीमारी के इलाज कराने वाले व्यक्तियों पर ना पड़े.
आइसोलेशन यूनिट में कुछ महत्वपूर्ण कर्मचारियों और डॉक्टर्स को ही जाने की अनुमति दी जाती है.
आइसोलेशन वार्ड में संक्रमित व्यक्तियों को पूरी तरह से जांच पड़ताल किया जा सके इस बात के लिए सभी प्रकार की मशीनें वहां पर उपलब्ध की जाती हैं.
यह आइसोलेशन बोर्ड पूरी तरह से बंद और सुरक्षित बनाए जाते हैं ताकि वहां पर रहने वाले संक्रमित व्यक्ति का संक्रमण वहां से बाहर ना निकल सकें.
बहुत बड़ी बड़ी महामारी और गंभीर परिस्थितियों के लिए ही यह विभिन्न प्रकार के आइसोलेशन वार्ड बनाए जाते हैं.
आइसोलेशन वार्ड का उपयोग
आइसोलेशन वार्ड का उपयोग मुख्य रूप से निम्नलिखित परिस्थितियों में ही किया जाता है:-
हानिकारक और संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को स्वस्थ व्यक्तियों की पहुंच से दूर रखने के लिए इन आइसोलेशन वार्ड का उपयोग किया जाता है.
भीड़भाड़ वाले इलाकों से मरीजों को दूर रखने के लिए भी आइसोलेशन वार्ड का इस्तेमाल किया जाता है.
पहले आइसोलेशन वार्ड का इस्तेमाल इन्फ्लूएंजा से लेकर इबोला जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए ही किया गया है लेकिन अब कोरोनावायरस से ग्रसित लोगों के लिए भी ऐसे आइसोलेशन वार्डस का इस्तेमाल किया जा रहा है.
गंभीर रूप से फैलने वाली बीमारियां जो दिन प्रतिदिन जनता के बीच उच्च मृत्यु दर बढ़ाने का काम करती हैं ऐसी बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए ऐसे आइसोलेशन वार्ड बड़े-बड़े अस्पतालों से कुछ दूरी पर बनाए जाते हैं. अस्पतालों में संक्रमित लोगों की जांच करके तुरंत उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया जाता है ताकि उनके संक्रमण का असर किसी स्वस्थ व्यक्ति तक ना पहुंच सके. यह एक सुरक्षित तरीका होता है बाकी स्वस्थ व्यक्तियों को सुरक्षित रखने का और संक्रमित व्यक्ति को अलग से एक उचित चिकित्सा प्रदान करने का.
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