कोरोना वायरस से संबंधी शब्द क्वारंटाइन का क्या मतलब है, घर पर खुद को क्वारंटाइन कैसे करें [How to quarantine yourself at home in hindi] (अर्थ, संगरोध, छूतरोग से पीड़ित व्यक्तियों को अलग रखने का प्रबंध, Meaning)
दिन प्रतिदिन भारत में कोरोनावायरस के केस बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं । ऐसे में इस प्रकोप से सावधानी बरतने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिनका पालन करते हुए यदि परिवार का एक व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो बाकी व्यक्तियों का बचाव किया जा सकता है। तो आइए आपको भी उन दिशानिर्देशों के बारे में बताते हैं ताकि आप भी खुद को और अपने परिवार के दूसरे सदस्यों को इस महामारी से बचा सके। जिसके लिए WHO ने कुछ गाइडलाइन जारी किए हैं जिसमे यह बताया हैं कि कैसे संक्रमित रोगो अथवा रोगियो से खुद को पृथक रख सकते हैं जिसे क्वारंटाइन यूअरसेल्फ (स्वयं को पृथक करना) कहा गया हैं । क्वारंटाइन यूअरसेल्फ को हिन्दी में घरेलू संघरोध कहा जाता हैं ।
यदि कोई व्यक्ति आपके घर के अंदर कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है तो ऐसे में आपको निम्नलिखित दिशानिर्देशों को अवश्य अपनाना चाहिए:-
जो व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहा है उसके लिए निम्नलिखित दिए गए उपायों पर पालन करना बेहद आवश्यक हो जाता है:-
संक्रमित व्यक्ति की देखभाल के लिए ऐसे व्यक्ति को रखना चाहिए, जो समझदार होने के साथ-साथ थोड़ा प्रशिक्षित भी हो।
संक्रमित व्यक्ति के सामने आने की बिल्कुल मनाही होनी चाहिए और उनसे हाथ मिलाना या उन्हें छूने नहीं देना चाहिए।
डिस्पोजेबल दस्तानों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए ताकि किसी भी सामान को छूते हुए यह वायरस आपको संक्रमित ना कर सके।
उन दस्तानों के इस्तेमाल के बाद आपको दस्ताने उतार कर तुरंत फेंक देने चाहिए और साथ ही अपने हाथ अच्छी तरह धोने चाहिए।
किसी भी व्यक्ति को उनसे मिलने के लिए परमिशन नहीं देनी चाहिए क्योंकि उनके कांटेक्ट में आते ही वह व्यक्ति तुरंत संक्रमित हो सकता है।
यदि कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ भी जाता है तो तुरंत उसे लैब में ले जाकर निरीक्षण कर आना चाहिए।
लगभग 14 दिनों की अवधि तक संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में निरीक्षण के अंदर रखना अति आवश्यक है।
कोरोना वायरस के मरीजों को रखे जाने वाले आइसोलेशन वार्ड कैसा होता है यहाँ पढ़ें
संक्रमित व्यक्ति का ध्यान रखते हुए उसके आसपास के सामान की साफ-सफाई का भी जिम्मा उस व्यक्ति को उठाना चाहिए जो व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति की देखभाल में लगा है। ऐसे में उन वस्तुओं का ध्यान रखने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखना अति आवश्यक है:-
संक्रमित व्यक्ति के कमरे में मौजूद सामान जैसे बेड, टेबल आदि सभी चीजों को 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से पूरी तरह से साफ करना चाहिए।
कीटनाशक से सदैव अपने घर और उस कमरे को पूरी तरह से साफ रखना चाहिए। इस्तेमाल किए जाने वाले टॉयलेट में भी दैनिक रूप से कीटाणु नाशक आदि को छिड़कना और साफ सफाई करनी चाहिए।
संक्रमित व्यक्ति के कपड़े घरेलू डिटर्जेंट द्वारा अच्छी तरह से साफ करके उन में कीटाणु नाशक दवाइयां अवश्य डालनी चाहिए।
चेतावनी
यदि किसी व्यक्ति में बुखार खांसी जुखाम या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आते भी हैं तो उसे तुरंत लैब में टेस्ट कराना चाहिए और अगर उसका निरीक्षण नकारात्मक आता है तब भी उस व्यक्ति को 14 दिन की अवधि तक निगरानी में रखना अति आवश्यक है। क्योंकि कोरोनावायरस एक ऐसा वायरस है जिसके लक्षण 14 दिन की अवधि में ही नजर आते हैं।
दिन प्रतिदिन भारत में कोरोनावायरस के केस बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं । ऐसे में इस प्रकोप से सावधानी बरतने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिनका पालन करते हुए यदि परिवार का एक व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो बाकी व्यक्तियों का बचाव किया जा सकता है। तो आइए आपको भी उन दिशानिर्देशों के बारे में बताते हैं ताकि आप भी खुद को और अपने परिवार के दूसरे सदस्यों को इस महामारी से बचा सके। जिसके लिए WHO ने कुछ गाइडलाइन जारी किए हैं जिसमे यह बताया हैं कि कैसे संक्रमित रोगो अथवा रोगियो से खुद को पृथक रख सकते हैं जिसे क्वारंटाइन यूअरसेल्फ (स्वयं को पृथक करना) कहा गया हैं । क्वारंटाइन यूअरसेल्फ को हिन्दी में घरेलू संघरोध कहा जाता हैं ।
यदि कोई व्यक्ति आपके घर के अंदर कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है तो ऐसे में आपको निम्नलिखित दिशानिर्देशों को अवश्य अपनाना चाहिए:-
- सबसे पहले ऐसे संक्रमित व्यक्ति को एक अलग कमरे में रखना चाहिए जहां पर पहले से टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध हो ताकि उसे शौच आदि के लिए कमरे से बाहर निकल ना ना पड़े। यदि किसी एक व्यक्ति को संक्रमित व्यक्ति के साथ उसकी देखभाल करने के लिए रहना पड़ रहा है तो स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित व्यक्ति से लगभग 1 मीटर की दूरी बनाए रखना चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति को घर के बूढ़े, बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं से दूर रखना चाहिए क्योंकि यह संक्रमण ऐसे व्यक्तियों में जल्दी फैलता है।
- उसकी सभी प्रक्रियाएं घर के अंदर ही होनी चाहिए । उन्हें उस कमरे से बाहर निकलने की परमिशन नहीं देनी चाहिए।
- किसी भी व्यक्ति को उनसे मिलने नहीं देना चाहिए क्योंकि यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति से मिलने या उन्हें देखने आता है तो ऐसे में वे भी संक्रमित हो सकते हैं।
- संक्रमित व्यक्ति को किसी भी समाज के कार्यक्रम, धार्मिक सभा व शादी जैसे महोत्सव पर बिल्कुल भी सम्मिलित नहीं करना चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले किसी भी सामान को दूसरों के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह संक्रमण ऐसा संक्रमण है जो संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए सामान से भी फैलता है।
- संक्रमित व्यक्ति को एक मास्क पहनाकर रखना चाहिए और साथ ही जो व्यक्ति उसकी देखभाल में रखा है, उसे भी सर्जिकल मास्क पहनाना चाहिए। उस मास्क को लगातार 6 से 8 घंटे के अंतराल में बदलना चाहिए। साथ ही डिस्पोजेबल मास्क का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
- जो मास्क और सामान संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया गया हो उसे पूरी तरह से नष्ट कर देना चाहिए ताकि उसका इस्तेमाल किसी और द्वारा ना किया जाए।
- यदि संक्रमित व्यक्ति को ऐसे लक्षण बढ़ते हुए नजर आए जिससे उसे खांसी बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या अधिक होने लगे तो ऐसे में उन्हें अपने पास के स्वास्थ्य केंद्र (011-23978046) पर तुरंत फोन करना चाहिए।
संक्रमित व्यक्ति के साथ इन बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए
जो व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहा है उसके लिए निम्नलिखित दिए गए उपायों पर पालन करना बेहद आवश्यक हो जाता है:-
संक्रमित व्यक्ति की देखभाल के लिए ऐसे व्यक्ति को रखना चाहिए, जो समझदार होने के साथ-साथ थोड़ा प्रशिक्षित भी हो।
संक्रमित व्यक्ति के सामने आने की बिल्कुल मनाही होनी चाहिए और उनसे हाथ मिलाना या उन्हें छूने नहीं देना चाहिए।
डिस्पोजेबल दस्तानों का प्रयोग अवश्य करना चाहिए ताकि किसी भी सामान को छूते हुए यह वायरस आपको संक्रमित ना कर सके।
उन दस्तानों के इस्तेमाल के बाद आपको दस्ताने उतार कर तुरंत फेंक देने चाहिए और साथ ही अपने हाथ अच्छी तरह धोने चाहिए।
किसी भी व्यक्ति को उनसे मिलने के लिए परमिशन नहीं देनी चाहिए क्योंकि उनके कांटेक्ट में आते ही वह व्यक्ति तुरंत संक्रमित हो सकता है।
यदि कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ भी जाता है तो तुरंत उसे लैब में ले जाकर निरीक्षण कर आना चाहिए।
लगभग 14 दिनों की अवधि तक संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में निरीक्षण के अंदर रखना अति आवश्यक है।
कोरोना वायरस के मरीजों को रखे जाने वाले आइसोलेशन वार्ड कैसा होता है यहाँ पढ़ें
पर्यावरणीय स्वच्छता
संक्रमित व्यक्ति का ध्यान रखते हुए उसके आसपास के सामान की साफ-सफाई का भी जिम्मा उस व्यक्ति को उठाना चाहिए जो व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति की देखभाल में लगा है। ऐसे में उन वस्तुओं का ध्यान रखने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखना अति आवश्यक है:-
संक्रमित व्यक्ति के कमरे में मौजूद सामान जैसे बेड, टेबल आदि सभी चीजों को 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से पूरी तरह से साफ करना चाहिए।
कीटनाशक से सदैव अपने घर और उस कमरे को पूरी तरह से साफ रखना चाहिए। इस्तेमाल किए जाने वाले टॉयलेट में भी दैनिक रूप से कीटाणु नाशक आदि को छिड़कना और साफ सफाई करनी चाहिए।
संक्रमित व्यक्ति के कपड़े घरेलू डिटर्जेंट द्वारा अच्छी तरह से साफ करके उन में कीटाणु नाशक दवाइयां अवश्य डालनी चाहिए।
चेतावनी
यदि किसी व्यक्ति में बुखार खांसी जुखाम या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण नजर आते भी हैं तो उसे तुरंत लैब में टेस्ट कराना चाहिए और अगर उसका निरीक्षण नकारात्मक आता है तब भी उस व्यक्ति को 14 दिन की अवधि तक निगरानी में रखना अति आवश्यक है। क्योंकि कोरोनावायरस एक ऐसा वायरस है जिसके लक्षण 14 दिन की अवधि में ही नजर आते हैं।
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