FB न यूज करें फिर भी फेसबुक आप पर नजर रखता है, ये है कंपनी का तरीका
Facebook के पास आप पर नजर रखने के कई तरीके हैं. इनमें से एक तरीका के बारे में आज आपको बताते हैं. यह भी जान लें कि इसे कैसे बच सकते हैं.
फेसबुक यूज करें या न करें आपका 'खास' डेटा FB को मिलता है.दूसरी कंपनियां आपका डेटा करती हैं फेसबुक के साथ शेयर.फेसबुक ने हाल ही में जारी किया है हिस्ट्री डिलीट करने का ऑप्शन.
सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक आपके ऊपर कितने तरह से नजर रखती है शायद आपको इस बात का अंदाजा भी न हो. आपके फोन में फेसबुक बंद है, आप कोई दूसरा ऐप यूज कर रहे हैं.
किसी ऐप के जरिए शॉपिंग कर रहे हैं, या फिर कॉफी ऑर्डर कर रहे हैं, फेसबुक की नजर आपकी इस ऐक्टिविटी पर भी है.
आम तौर पर ऐसा होता है जब आप किसी वेबसाइट से कुछ शॉपिंग करते हैं या फिर कोई खास प्रोडक्ट के बारे में सर्च करते हैं तो कुछ ही देर में वही प्रोडक्ट आपके फेसबुक में दिखने लगता है.
ये दरअसल टार्गेटेड विज्ञापन है जिसे फेसबुक यूज करता है. अब फेसबुक दूसरी वेबसाइट्स से आपका डेटा कैसा हासिल करता है इसके बारे में जानते हैं.
Off Facebook Activity के तहत दूसरी कंपनियां फेसबुक के साथ आपका डेटा शेयर करती हैं. इस डेटा में ये आपके द्वारा उन कंपनियों के साथ किया गया इंटरऐक्शन शामिल होता है. उदाहरण के तौर पर आप किसी वेबसाइट से शॉपिंग करते हैं या फिर किसी वेबसाइट को फेसबुक लॉग इन के जरिए ऐक्सेस करते हैं.
आप शॉपिंग के लिए किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाते हैं. यहां से कुछ खरीदते हैं या किसी प्रोडक्ट में दिलचस्पी दिखाते हैं. ये जानकारियां फेसबुक को भी मिलती हैं. फेसबुक का कहना है कि इससे पहले उन ऑर्गनाइजेशन को कहा जाता है कि वो यूजर्स को इसकी जानकारी दें.
Facebook के साथ दूसरी कंपनियां ऐसे शेयर करती हैं जानकारियां ...
आपने किसी ऑनलाइन स्टोर से कपड़े खरीदते हैं. ये शॉप आपकी ऐक्टिविटी को फेसबुक के बिजनेस टूल की मदद से फेसबुक के साथ शेयर करेगा. अब जैसे ही फेसबुक के पास आपकी जानकारी दूसरे शॉप से मिलेगी वो इसे आपके अकाउंट में सेव कर देगा.
Facebook के मुताबिक ये जानकारी इस तरह से सेव की जाती हैं - यूजर ने ई-कॉमर्स वेबसाइट विजिट किया और यहां से क्या खरीदा.
दूसरी कंपनियां आपसे जुड़ा ये डेटा Facebook के साथ शेयर करती हैं -
ये तमाम जानकारियां फेसबुक को दी जाती हैं. फेसबुक कहता है कि इस डेटा का इस्तेमाल टार्गेटेड ऐड के लिए किया जाता है. लेकिन क्या आप फेसबुक के इस दावे पर भरोसा करते हैं?
इस उदाहरण के जरिए समझें…
Facebook के मुताबिक ऐसा टार्गेटेड विज्ञापन के लिए किया जाता है. डीटेल्स मिल जाने के बाद कंपनी जब ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कपड़ों की सेल लगेगी या कोई ऑफर आएगा आपको खुद ब खुद फेसबुक का विज्ञापन दिखने लगेगा.
हिस्ट्री डिलीट कर सकते हैं, लेकिन टार्गेटेड विज्ञापन आने बंद नहीं होंगे..
फेसबुक ने दो साल पहले कहा था कि हिस्ट्री क्लियर करने का बटन आ रहा है. आखिरकार अब ये फीचर दिया गया है. इसे यूज करके आप यहां से हिस्ट्री तो डिलीट कर सकते हैं, लेकिन टार्गेटेड विज्ञापन मिलते रहेंगे.
Facebook के पास आप पर नजर रखने के कई तरीके हैं. इनमें से एक तरीका के बारे में आज आपको बताते हैं. यह भी जान लें कि इसे कैसे बच सकते हैं.
फेसबुक यूज करें या न करें आपका 'खास' डेटा FB को मिलता है.दूसरी कंपनियां आपका डेटा करती हैं फेसबुक के साथ शेयर.फेसबुक ने हाल ही में जारी किया है हिस्ट्री डिलीट करने का ऑप्शन.
सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक आपके ऊपर कितने तरह से नजर रखती है शायद आपको इस बात का अंदाजा भी न हो. आपके फोन में फेसबुक बंद है, आप कोई दूसरा ऐप यूज कर रहे हैं.
किसी ऐप के जरिए शॉपिंग कर रहे हैं, या फिर कॉफी ऑर्डर कर रहे हैं, फेसबुक की नजर आपकी इस ऐक्टिविटी पर भी है.
आम तौर पर ऐसा होता है जब आप किसी वेबसाइट से कुछ शॉपिंग करते हैं या फिर कोई खास प्रोडक्ट के बारे में सर्च करते हैं तो कुछ ही देर में वही प्रोडक्ट आपके फेसबुक में दिखने लगता है.
ये दरअसल टार्गेटेड विज्ञापन है जिसे फेसबुक यूज करता है. अब फेसबुक दूसरी वेबसाइट्स से आपका डेटा कैसा हासिल करता है इसके बारे में जानते हैं.
Off Facebook Activity इसी बारे में है...
फेसबुक यूज न करें तो भी आपका ऑफलाइन डेटा फेसबुक के पास पहुंच जाता है. Facebook के पास एक Off-Facebook Activity नाम का ऑप्शन है. हाल ही में फेसबुक ने हिस्ट्री डिलीट करने का बटन दिया है.कैसे काम करता है Off-Facebook Activity?
Off Facebook Activity के तहत दूसरी कंपनियां फेसबुक के साथ आपका डेटा शेयर करती हैं. इस डेटा में ये आपके द्वारा उन कंपनियों के साथ किया गया इंटरऐक्शन शामिल होता है. उदाहरण के तौर पर आप किसी वेबसाइट से शॉपिंग करते हैं या फिर किसी वेबसाइट को फेसबुक लॉग इन के जरिए ऐक्सेस करते हैं.
आप शॉपिंग के लिए किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाते हैं. यहां से कुछ खरीदते हैं या किसी प्रोडक्ट में दिलचस्पी दिखाते हैं. ये जानकारियां फेसबुक को भी मिलती हैं. फेसबुक का कहना है कि इससे पहले उन ऑर्गनाइजेशन को कहा जाता है कि वो यूजर्स को इसकी जानकारी दें.
Facebook के साथ दूसरी कंपनियां ऐसे शेयर करती हैं जानकारियां ...
आपने किसी ऑनलाइन स्टोर से कपड़े खरीदते हैं. ये शॉप आपकी ऐक्टिविटी को फेसबुक के बिजनेस टूल की मदद से फेसबुक के साथ शेयर करेगा. अब जैसे ही फेसबुक के पास आपकी जानकारी दूसरे शॉप से मिलेगी वो इसे आपके अकाउंट में सेव कर देगा.
Facebook के मुताबिक ये जानकारी इस तरह से सेव की जाती हैं - यूजर ने ई-कॉमर्स वेबसाइट विजिट किया और यहां से क्या खरीदा.
दूसरी कंपनियां आपसे जुड़ा ये डेटा Facebook के साथ शेयर करती हैं -
- --- आपने कौन सा ऐप ओनप किया है.
- --- आप क्या कॉन्टेंट देख रहे हैं.
- --- क्या आइटम सर्च कर रहे हैं.
- --- शॉपिंग कार्ट में क्या ऐड कर रहे हैं.
- --- क्या खरीद रहे हैं.
- --- डोनेशन की जानकारी
- --- किसी ऐप को फेसबुक के जरिए लॉग इन करते हैं.
ये तमाम जानकारियां फेसबुक को दी जाती हैं. फेसबुक कहता है कि इस डेटा का इस्तेमाल टार्गेटेड ऐड के लिए किया जाता है. लेकिन क्या आप फेसबुक के इस दावे पर भरोसा करते हैं?
इस उदाहरण के जरिए समझें…
Facebook के मुताबिक ऐसा टार्गेटेड विज्ञापन के लिए किया जाता है. डीटेल्स मिल जाने के बाद कंपनी जब ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कपड़ों की सेल लगेगी या कोई ऑफर आएगा आपको खुद ब खुद फेसबुक का विज्ञापन दिखने लगेगा.
हिस्ट्री डिलीट कर सकते हैं, लेकिन टार्गेटेड विज्ञापन आने बंद नहीं होंगे..
फेसबुक ने दो साल पहले कहा था कि हिस्ट्री क्लियर करने का बटन आ रहा है. आखिरकार अब ये फीचर दिया गया है. इसे यूज करके आप यहां से हिस्ट्री तो डिलीट कर सकते हैं, लेकिन टार्गेटेड विज्ञापन मिलते रहेंगे.
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